Central Bank of India reports Rs 1,034-crore net profit in Q4, up 28%
*केंद्रीय बैंक ऑफ इंडिया का Q4 लाभ 28% बढ़ा **
वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4) में **28% की उछाल के साथ 1,034 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ** दर्ज किया है। यह वृद्धि मुख्य रूप से बैंक के **गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) में कमी** और संचालन दक्षता में सुधार का परिणाम है। आइए, एप्रिल 2025 के ज्ञान ग्राफ के साथ समझते हैं कि बैंक ने यह उपलब्धि कैसे हासिल की और भविष्य की रणनीतियां क्या हैं।
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### **मुख्य बिंदु: केंद्रीय बैंक ऑफ इंडिया के Q4 FY25 परिणाम**
1. **शुद्ध लाभ:** ₹1,034 करोड़ (पिछले वर्ष की समान तिमाही: ₹807 करोड़)।
2. **कुल आय:** ₹10,433 करोड़ (पिछले वर्ष: ₹9,699 करोड़)।
3. **नेट इंटरेस्ट इनकम (NII):** ₹3,399 करोड़ (पिछले वर्ष: ₹3,541 करोड़)।
4. **एनपीए में भारी गिरावट:** ग्रॉस एनपीए 3.18% (मार्च 2024: 4.5%), नेट एनपीए 0.55% (मार्च 2024: 1.23%)।
5. **भविष्य की योजनाएं:** ₹5,000 करोड़ की पूंजी जुटाने की मंजूरी।
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### **Q4 FY25 का विस्तृत वित्तीय विश्लेषण**
#### **1. लाभ और आय में वृद्धि**
– **शुद्ध लाभ:** चौथी तिमाही में लाभ ₹1,034 करोड़ तक पहुंचा, जो पिछले वर्ष की तुलना में **28% अधिक** है।
– **कुल आय:** ₹10,433 करोड़ (वार्षिक आधार पर **7.5% की वृद्धि**)।
– **ब्याज आय:** ₹8,619 करोड़ (पिछले वर्ष: ₹8,337 करोड़)।
#### **2. नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) में गिरावट**
– NII ₹3,399 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष के ₹3,541 करोड़ से **4% कम** है।
– **कारण:** जमा राशियों पर ब्याज दरों में वृद्धि और ऋण विकास में मध्यम गति।
#### **3. एसेट क्वालिटी में ऐतिहासिक सुधार**
– **ग्रॉस एनपीए:** 3.18% (मार्च 2024: 4.5%) – पिछले 5 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर।
– **नेट एनपीए:** 0.55% (मार्च 2024: 1.23%) – यह सुधार बैंक की रिकवरी प्रक्रिया और रिस्क मैनेजमेंट का परिणाम है।
– **प्रोविजन कवरेज रेश्यो (PCR):** 96.54% (मार्च 2024: 94.2%), जो बैंक की वित्तीय स्थिरता को दर्शाता है।
#### **4. पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CAR) में उछाल**
– CAR मार्च 2025 तक **17.02%** पर पहुंच गया, जो मार्च 2024 के 15.08% से बेहतर है।
– **महत्व:** यह अनुपात बैंक की जोखिम वाली परिसंपत्तियों को झेलने की क्षमता को दर्शाता है।
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### **वार्षिक प्रदर्शन (FY25): सभी रिकॉर्ड तोड़े**
– **शुद्ध लाभ:** ₹3,785 करोड़ (पिछले वर्ष: ₹2,549 करोड़) – **78% की वृद्धि**।
– **कुल आय:** ₹39,521 करोड़ (वार्षिक वृद्धि: 11.5%)।
– **नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM):** 3.08% (FY24: 2.92%)।
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### **निवेशकों के लिए खुशखबरी: डिविडेंड और पूंजी योजनाएं**
1. **डिविडेंड:** बोर्ड ने ₹10 के फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर पर **1.87% (18 पैसे प्रति शेयर)** डिविडेंड देने की सिफारिश की है।
2. **पूंजी जुटाने की योजना:** FY26 के लिए ₹5,000 करोड़ FPO/राइट्स इश्यू या अन्य माध्यमों से जुटाए जाएंगे।
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### **एप्रिल 2025 ज्ञान ग्राफ: बैंकिंग सेक्टर और भविष्य की रणनीति**
#### **1. बैंकिंग उद्योग में रुझान (2025)**
– **डिजिटल लेनदेन:** FY25 में डिजिटल ट्रांजैक्शन 25% बढ़े, जिसमें केंद्रीय बैंक ने यूपीआई और मोबाइल बैंकिंग पर ध्यान केंद्रित किया।
– **एनपीए प्रबंधन:** PSBों ने सामूहिक रूप से ग्रॉस एनपीए 4% से नीचे रखा, जो 2021 के 9.1% से बेहतर है।
#### **2. केंद्रीय बैंक की प्राथमिकताएं**
– **एमएसएमई और रिटेल ऋण:** FY26 में 20% ऋण वृद्धि का लक्ष्य।
– **डिजिटल इनोवेशन:** AI-आधारित क्रेडिट स्कोरिंग और ब्लॉकचेन तकनीक को बढ़ावा।
#### **3. विशेषज्ञों की राय**
– **सुब्रमण्यम शर्मा, बैंकिंग विश्लेषक:** *”केंद्रीय बैंक ने एनपीए प्रबंधन में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। FY26 में पूंजी जुटाने से इसकी ऋण क्षमता और बढ़ेगी।”*
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### **सामान्य प्रश्न (FAQ)**
**Q1. केंद्रीय बैंक के शेयर प्रदर्शन पर इस खबर का क्या प्रभाव पड़ेगा?**
– एनपीए में कमी और लाभ वृद्धि से निवेशकों का विश्वास बढ़ने की संभावना है। शेयर प्राइस में अल्पकालिक उछाल देखी जा सकती है।
**Q2. डिविडेंड कब मिलेगा?**
– डिविडेंड का भुगतान शेयरधारकों के अनुमोदन के बाद FY25 के अंत तक किया जाएगा।
**Q3. FY26 के लिए पूंजी योजना से बैंक को क्या लाभ होगा?**
– यह योजना ऋण विस्तार, टेक्नोलॉजी अपग्रेड और विनियामक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगी।
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### **निष्कर्ष: एक स्थिर भविष्य की ओर**
केंद्रीय बैंक ऑफ इंडिया ने FY25 में अपने **सबसे मजबूत वित्तीय प्रदर्शन** को दर्ज किया है। एनपीए में गिरावट, पूंजी पर्याप्तता में सुधार, और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की रणनीति इसके **FY26 के लिए 15% ऋण वृद्धि के लक्ष्य** को पूरा करने में मदद करेगी। निवेशकों और ग्राहकों के लिए, यह बैंक भारतीय बैंकिंग सेक्टर में एक **विश्वसनीय विकल्प** बना हुआ है।
*(यह रिपोर्ट केंद्रीय बैंक ऑफ इंडिया की आधिकारिक फाइलिंग और वित्तीय विश्लेषकों के इनपुट पर आधारित है।)*