**भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच सिविल डिफेंस ड्रिल: क्या है पूरा मामला? जानें हर पहलू**
भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ बढ़ते सैन्य तनाव के बीच बुधवार को देशभर के 244 जिलों में **सिविल डिफेंस ड्रिल** का आदेश जारी किया है। यह तैयारी दशकों में पहली बार देखी गई है, जिसमें एयर रेड सायरन टेस्ट से लेकर ब्लैकआउट प्रबंधन और नागरिकों को बमबारी के दौरान बचाव के तरीके सिखाए जाएंगे। जम्मू-कश्मीर के गाँवों से लेकर राजधानी दिल्ली तक, यह ड्रिल भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते युद्ध के खतरे को गंभीरता से लेने का संकेत देती है।
### **कश्मीर में आतंकी हमला और तनाव का इतिहास**
14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 भारतीय सुरक्षाकर्मियों की मौत के बाद दोनों देशों के रिश्ते एक बार फिर चरम पर पहुँच गए हैं। भारत का आरोप है कि पाकिस्तान इस हमले के पीछे है, जिसे इस्लामिक आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया। हालाँकि, पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वह “कश्मीर मुद्दे पर राजनयिक समाधान” चाहता है।
यह टकराव नया नहीं है। 1947 के बंटवारे के बाद से दोनों देशों ने 1947, 1965, 1971 और 1999 (कारगिल युद्ध) में चार बड़े युद्ध लड़े हैं। कश्मीर का मुद्दा हमेशा से इन टकरावों का केंद्र रहा है। इस बार, परमाणु शक्ति संपन्न दोनों देशों के बीच तनाव इतना बढ़ गया है कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी चिंता जताई है।
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### **सिविल डि�िफेंस ड्रिल: क्या तैयारियाँ हो रही हैं?**
गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार, निम्नलिखित तैयारियाँ की जा रही हैं:
1. **एयर रेड सायरन टेस्ट:** सीमावर्ती इलाकों और तटीय क्षेत्रों में सायरन की आवाज़ की प्रभावशीलता जाँची जाएगी।
2. **ब्लैकआउट प्रबंधन:** नागरिकों को बिजली कटौती के दौरान सुरक्षित रहने के तरीके बताए जाएंगे।
3. **बंकरों की सफाई:** जम्मू-कश्मीर के गाँवों में पुराने बंकरों को फिर से उपयोग के लिए तैयार किया जा रहा है।
4. **स्कूली बच्चों की ड्रिल:** वीडियो फुटेज में दिखाया गया है कि कैसे बच्चों को बमबारी के दौरान जमीन पर लेटना सिखाया जा रहा है।
87 वर्षीय निर्मल कुमार सिंह, जो 1960 के दशक में पुलिस अधिकारी थे, कहते हैं, “1971 के युद्ध के बाद ऐसी ड्रिल नहीं हुई थीं। यह स्थिति गंभीर है।”
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### **पानी संधि पर विवाद: क्या भारत पाकिस्तान को ‘प्यासा’ छोड़ेगा?**
तनाव बढ़ाने के लिए भारत ने **सिंधु जल समझौते (1960)** पर अपनी भागीदारी रोक दी है। इस समझौते के तहत भारत पाकिस्तान को छह नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास, सतलज) का पानी साझा करता है। अब भारत ने चिनाब नदी पर अपने डैमों में पानी रोकना शुरू कर दिया है, जिससे पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में खेती प्रभावित हो सकती है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी है, “अगर भारत पानी रोकने के लिए नई संरचनाएँ बनाता है, तो यह युद्ध की घोषणा होगी। ऐसा करने से लाखों लोग भूखे-प्यासे मर सकते हैं।”
हालाँकि, भारतीय अधिकारियों का कहना है कि चिनाब में पानी का प्रवाह केवल कुछ दिनों के लिए रोका गया है ताकि डैमों से गाद साफ की जा सके। लेकिन पाकिस्तान इसे “युद्ध की पूर्वघोषणा” मान रहा है।
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### **अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ: क्या कह रहा है संयुक्त राष्ट्र?**
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है:
> “नागरिकों को निशाना बनाना अस्वीकार्य है। सैन्य टकराव से बचना चाहिए, क्योंकि यह तेजी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है।”
अमेरिका, रूस और चीन ने भी मध्यस्थता की पेशकश की है, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह “पाकिस्तान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई” करने को तैयार है।
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### **क्या हो सकता है युद्ध का असर?**
1. **आर्थिक प्रभाव:** दोनों देशों ने एक-दूसरे के हवाई क्षेत्र बंद कर दिए हैं और व्यापार रोक दिया है। भारत ने पाकिस्तान से आयात पर 200% टैरिफ लगा दिया है।
2. **मानवीय संकट:** सीमा पर तैनात लाखों सैनिकों के बीच गोलीबारी बढ़ी है। गाँवों को खाली कराया जा रहा है।
3. **परमाणु खतरा:** दोनों देशों के पास 100-150 परमाणु हथियार हैं। अगर युद्ध हुआ, तो दक्षिण एशिया में तबाही हो सकती है।
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### **नागरिक कैसे करें तैयारी? सरकार के निर्देश**
– **ब्लैकआउट के दौरान:** बिजली के स्विच न चालू करें, खिड़कियों पर मोटे पर्दे लगाएँ।
– **बमबारी की स्थिति में:** निकटतम बंकर या भूमिगत शेल्टर में जाएँ।
– **आपातकालीन किट:** पानी, दवाइयाँ, टॉर्च और रेडियो जरूर रखें।
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### **क्या हो सकता है युद्ध का असर?**
1947 में बंटवारे के समय कश्मीर के राजा हरि सिंह ने भारत में विलय पर हस्ताक्षर किए, लेकिन पाकिस्तान ने इसे मानने से इनकार कर दिया। तब से कश्मीर का 45% हिस्सा पाकिस्तान (आजाद कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान) और 55% भारत (जम्मू-कश्मीर, लद्दाख) के पास है। 2019 में भारत ने अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बाँट दिया, जिससे तनाव और बढ़ा।
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### **क्या है आगे का रास्ता?**
विश्लेषकों का मानना है कि दोनों देशों के बीच सीधा युद्ध होने की संभावना कम है, क्योंकि:
– **अंतरराष्ट्रीय दबाव:** अमेरिका और चीन दोनों को शांति बनाए रखने में दिलचस्पी है।
– **आर्थिक नुकसान:** भारत और पाकिस्तान दोनों आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
– **परमाणु जोखिम:** कोई भी देश विनाशकारी युद्ध का जोखिम नहीं उठा सकता।
हालाँकि, सीमा पर छिटपुट गोलीबारी और साइबर युद्ध जारी रह सकता है।
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### **निष्कर्ष: क्या भारत-पाकिस्तान शांति की ओर बढ़ेंगे?**
इतिहास बताता है कि दोनों देशों के बीच तनाव अक्सर राजनीतिक फायदे के लिए बढ़ाए जाते हैं। 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री मोदी की सरकार “मजबूत राष्ट्रीय सुरक्षा” का संदेश देना चाहती है। वहीं, पाकिस्तान में आर्थिक संकट और सेना-सरकार के बीच तनाव के चलते यह विवाद उनके लिए भी चुनौतीपूर्ण है।
शांति का एकमात्र रास्ता कूटनीतिक वार्ता है, लेकिन फिलहाल दोनों तरफ से ऐसी कोई पहल नहीं दिख रही। ऐसे में, नागरिकों को सतर्क रहने और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जा रही है।
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**Tags:** भारत-पाकिस्तान युद्ध, सिविल डिफेंस ड्रिल, पुलवामा आतंकी हमला, सिंधु जल समझौता, कश्मीर विवाद, एयर रेड सायरन